गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख में 5 नए जिले बनाने की महत्वपूर्ण घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में पांच नए जिलों के गठन को एक ऐतिहासिक और विकासात्मक कदम बताया है, जो क्षेत्र की समृद्धि और अच्छे शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
लद्दाख में 5 नये जिले बनाने का यह महत्वपूर्ण निर्णय लद्दाख के सर्वांगीण विकास में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होने वाला है। #TransformingLadakh pic.twitter.com/0mD8jAegBg
— Office of Amit Shah (@AmitShahOffice) August 26, 2024
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का निर्णय लिया है। यह कदम लद्दाख के विकास को नई दिशा देने और स्थानीय लोगों को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नए जिलों की घोषणा का महत्व
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि लद्दाख एक विकसित और समृद्ध क्षेत्र बने। इसी सपने को साकार करने के लिए गृह मंत्रालय ने पांच नए जिलों के गठन का निर्णय लिया है। ये जिले हैं – ज़ांस्कर, द्रास, शाम, नुबरा, और चांगथांग। इन जिलों के गठन से शासन प्रणाली को मजबूत किया जाएगा और स्थानीय लोगों तक सरकारी सेवाओं का लाभ आसानी से पहुँच सकेगा।”
शाह ने यह भी बताया कि मोदी सरकार लद्दाख के लोगों के लिए अधिक अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इन नए जिलों से लोगों को उनके दरवाजे तक सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ मिलेगा।
लद्दाख का मौजूदा प्रशासनिक ढाँचा
लद्दाख एक विस्तृत क्षेत्र है, लेकिन इसकी जनसंख्या बहुत कम है। वर्तमान में लद्दाख में केवल दो जिले हैं – लेह और कारगिल। इस क्षेत्र की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण जिला प्रशासन को जमीनी स्तर पर काम करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। नए जिलों के गठन के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि प्रशासनिक कार्यों की दक्षता बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को अधिक सुविधाएँ मिल सकेंगी।
गृह मंत्रालय का निर्णय और आगामी प्रक्रिया
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि पांच नए जिलों के गठन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन को नए जिलों के मुख्यालय, सीमाएँ, संरचना, और अन्य आवश्यक पहलुओं का आकलन करने के लिए एक समिति बनाने को कहा है। यह समिति अगले तीन महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
लद्दाख के विकास में केंद्रीय भूमिका
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि लद्दाख पिछले कुछ वर्षों में विकास की दौड़ में पीछे रह गया था। 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था – एक लद्दाख और दूसरा जम्मू-कश्मीर। उसी दिन अनुच्छेद 370 को भी निरस्त कर दिया गया था, जिससे लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला और यह सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आ गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि लद्दाख में पांच नए जिलों का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है जो बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। इससे स्थानीय लोगों को सेवाओं और अवसरों का अधिक लाभ मिलेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
विकास पैकेज और बजट आवंटन
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि केंद्र की मदद से, लद्दाख अब अपने विकास के मार्ग को स्वतंत्र रूप से तय कर रहा है। प्रधानमंत्री विकास पैकेज (पीएमडीपी) के तहत 80,068 करोड़ रुपये की लागत वाली 63 परियोजनाएँ चल रही हैं। इनमें से 21,441 करोड़ रुपये की लागत वाली 9 परियोजनाएँ विशेष रूप से लद्दाख के लिए हैं। इनमें से दो परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और बाकी छह परियोजनाएँ विभिन्न चरणों में हैं।
साथ ही, लद्दाख के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए बजट आवंटन को काफी बढ़ा दिया गया है। 2020-21 से लेकर 2023-24 तक, बजट आवंटन को प्रति वर्ष 5,958 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, सिंधु इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एसआईडीसीओ) की स्थापना की गई है, जो 25 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी के साथ बुनियादी ढाँचे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा।
स्थानीय प्रतिक्रिया और राजनीतिक टिप्पणियाँ
नए जिलों के गठन की इस घोषणा का लद्दाख में स्वागत किया गया है। हालांकि, कुछ स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता की बात की है। सज्जाद कारगिली ने कहा कि नए जिलों का निर्माण तभी लाभकारी होगा जब इसके साथ विधानसभा की स्थापना और लोकतांत्रिक प्रक्रियाएँ भी लागू की जाएँ। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना विधानसभा और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के, लद्दाख को अधिक नौकरशाही परतों का सामना करना पड़ सकता है, जो विकास में रुकावट डाल सकती है।
वहीं, लद्दाख के पूर्व भाजपा सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने इस कदम को क्षेत्र के लोगों के लिए एक “उपहार” बताया। उन्होंने कहा, “यह लद्दाख की आकांक्षाओं को पूरा करता है और हमें इस फैसले का स्वागत करना चाहिए।”
निष्कर्ष
लद्दाख में पांच नए जिलों का गठन एक महत्वपूर्ण और दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय है जो क्षेत्र के विकास और लोगों की भलाई को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है। इससे न केवल प्रशासनिक प्रणाली को सशक्त किया जाएगा बल्कि स्थानीय लोगों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ भी अधिक सुगमता से मिलेगा। इस फैसले से लद्दाख की विकास यात्रा को एक नई दिशा मिल सकती है और यह क्षेत्रीय विकास के नए युग की शुरुआत हो सकती है।
arya@newztab