संजय रॉय का दावा: ‘मैं निर्दोष हूं’ – कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले में नई जानकारी

संजय रॉय का दावा: ‘मैं निर्दोष हूं’ – कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले में नई जानकारी02 सितंबर, 2024

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में संजय रॉय को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया है। संजय रॉय का कहना है कि वह इस मामले में निर्दोष हैं और उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।

क्या है मामला?

संजय रॉय को 10 अगस्त को उस डॉक्टर की हत्या के अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल पर मिले उनके ब्लूटूथ हेडसेट के आधार पर की गई थी। आरोप है कि रॉय ने अस्पताल के सेमिनार हॉल में डॉक्टर का बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी।

संजय रॉय की सफाई

संजय रॉय के वकील कविता सरकार ने बताया कि उनके मुवक्किल ने अपनी बेगुनाही की दलील दी है। रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान भी कहा कि वह निर्दोष हैं। उन्होंने दावा किया कि जब वह सेमिनार हॉल में पहुंचे, तो महिला पहले से ही बेहोश और खून से लथपथ थी। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस दृश्य को देखकर घबरा गए और तुरंत वहां से बाहर निकल गए।

रॉय का कहना है कि वह पीड़िता को नहीं जानते थे और इस मामले में उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। जब उनसे पूछा गया कि अगर वह निर्दोष थे तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी, तो उन्होंने कहा कि उन्हें डर था कि कोई उन पर विश्वास नहीं करेगा।

पॉलीग्राफ टेस्ट और जांच

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान रॉय से 10 सवाल पूछे गए, जिनमें से एक यह भी था कि कथित हत्या के बाद उन्होंने क्या किया। रॉय ने इस सवाल को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने हत्या नहीं की, इसलिए यह सवाल ही गलत है।

वकील का बयान और सुरक्षा में चूक

संजय रॉय की वकील कविता सरकार ने कहा कि सेमिनार हॉल तक इतनी आसानी से पहुंच पाना दर्शाता है कि उस रात अस्पताल की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी। उन्होंने इशारा किया कि इस चूक का फायदा उठाकर कोई और व्यक्ति भी अपराध को अंजाम दे सकता था।

घटना की पृष्ठभूमि

यह घटना उस समय की है जब एक प्रशिक्षु डॉक्टर, जो 36 घंटे की शिफ्ट के बाद सेमिनार हॉल में सो रही थी, का बलात्कार और फिर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न और शरीर पर 25 चोटों का खुलासा हुआ था।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मुख्य आरोपी संजय रॉय ने हाल ही में अपनी बेगुनाही का दावा किया था। इसके बाद उन्हें पॉलीग्राफ (झूठ पकड़ने वाली) टेस्ट के लिए बुलाया गया।

टेस्ट के दौरान संजय रॉय ने दावा किया कि जब वह अस्पताल के सेमिनार हॉल पहुंचे तो पीड़िता पहले से ही मृत पड़ी थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उनके द्वारा दिए गए कई जवाबों को टेस्ट ने झूठा और अविश्वसनीय बताया।

सीबीआई की जांच और संजय रॉय की प्रतिक्रिया

सीबीआई अधिकारियों ने जब संजय रॉय से सबूतों के बारे में पूछा तो उन्होंने कई बहाने बनाए और कहा कि वह पीड़िता को मृत देखकर डर के मारे वहां से भाग गए थे।

हालांकि इससे पहले कोलकाता पुलिस ने दावा किया था कि संजय रॉय ने अपराध की बात स्वीकार की थी। लेकिन हाल ही में उन्होंने अपनी बात से पलटते हुए कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है।

जेल में दिए गए बयान और अदालत में पेशी

जेल के गार्ड्स से भी संजय रॉय ने यही कहा कि उन्हें इस अपराध के बारे में कुछ भी नहीं पता। पिछले हफ्ते उन्होंने इसी तरह के दावे सेलकद की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) की अदालत में भी किए। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए तैयार हुए थे।

जांच के दौरान पाई गई विसंगतियां

हालांकि, सीबीआई और पुलिस दोनों ने संजय रॉय के दावों में कई विरोधाभास पाए। एक अधिकारी ने बताया कि रॉय जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि रॉय अपने चेहरे पर लगी चोटों और अपराध के समय इमारत में अपनी मौजूदगी के बारे में कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे पाए।

साइकोएनालिटिक प्रोफाइल

संजय रॉय की साइकोएनालिटिक प्रोफाइल से पता चला कि वह “विकृत मानसिकता” और पोर्नोग्राफी की गहरी लत से ग्रस्त थे। उनकी प्रोफाइल में उन्हें पशुवत प्रवृत्तियों वाला व्यक्ति बताया गया है।

arya@newztab

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