बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह बदलापुर के एक स्कूल में हाउसकीपिंग कर्मी द्वारा दो किंडरगार्टन छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का स्वत: संज्ञान लिया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को बदलापुर के एक स्कूल में दो 4 वर्षीय लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले की जांच में महाराष्ट्र पुलिस की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई। अखबारों में प्रकाशित खबरों के माध्यम से कोर्ट ने यह मामला स्वत: संज्ञान में लिया ।बदलापुर के एक स्कूल में हुई यौन उत्पीड़न की घटना ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सक्रिय कर दिया है।
कोर्ट ने पुलिस की लापरवाही पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने स्पष्ट किया कि स्कूल अधिकारियों ने इस अपराध की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई और न ही इस मामले को गंभीरता से लिया। कोर्ट ने कहा कि छोटी उम्र की इन लड़कियों ने अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए काफी हिम्मत दिखाई, लेकिन पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई।
#Badlapur Sexual Assault Case | Timeline of this ‘criminal apathy’:
August 13: Alleged sexual assault of 2 toddlers
August 16: Parents file a police complaint but were made to wait for 12 hours
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August 17: The Accused is finally arrestedAugust 19: Protests begin in… pic.twitter.com/LwzpURBDh9
— TIMES NOW (@TimesNow) August 21, 2024
“>credit: TIMES NOW (@TimesNow)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर पुलिस को दूसरी पीड़िता के बयान दर्ज करने में हुई देरी के लिए भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह जानकर हैरानी हुई कि पुलिस ने जरूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
कोर्ट ने चिंता जताई कि ऐसी लापरवाही से आम लोगों का पुलिस पर से विश्वास उठ सकता है और उन्हें रिपोर्ट करने में हिचकिचाहट हो सकती है। राज्य ने अदालत को बताया कि जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह कार्रवाई तुरंत की जानी चाहिए थी और लड़कियों के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था भी करनी चाहिए।
घटना 13 अगस्त को स्कूल के शौचालय में हुई। अभिभावकों ने 16 अगस्त को पुलिस को सूचित किया, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में 11 घंटे की देरी हुई। पुलिस ने 17 अगस्त को आरोपी स्कूल अटेंडेंट अक्षय शिंदे को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे अब 26 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।
इस घटना ने इलाके में गुस्से की लहर पैदा कर दी है और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और दूसरी पीड़िता के बयान में हुई देरी का जवाब देने को कहा है।
अगली सुनवाई मंगलवार को होगी, और कोर्ट ने फाइलों और दस्तावेजों की समीक्षा करने को कहा है।
arya@newztab