भाजपा की फटकार पर कंगना रनौत का बयान: ‘मेरे शब्दों में इतनी भी पागलपन वाली बात नहीं’

 

कंगना रनौत ने हाल ही में किसानों के विरोध के दौरान अपने विवादास्पद बयानों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आलोचना का सामना किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, कंगना रनौत ने कहा है कि उनकी टिप्पणियाँ इतनी भी विवादास्पद नहीं थीं और उन्होंने पार्टी की आलोचना को स्वीकार कर लिया है।

भाजपा की फटकार और कंगना की प्रतिक्रिया

नई दिल्ली में मानसून सत्र के दौरान बुधवार को, भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी आलोचना के बाद वे “सुलह का स्वर” अपनाएंगी। उन्होंने इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में कहा:

“मुझे पार्टी द्वारा फटकार लगाई गई थी, और यह मेरे लिए ठीक है। मैं इतनी पागल या मूर्ख नहीं हूँ कि इस पर विश्वास करूँ।”

रनौत ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी टिप्पणियों से अनजाने में पार्टी के उद्देश्य या नीतियों को नुकसान पहुँचाया है, और इसके लिए उन्होंने खेद व्यक्त किया:

“अगर मैंने वास्तव में पार्टी के उद्देश्य और उसकी स्थिति या नीति को चोट पहुँचाई है, तो मुझसे ज़्यादा कोई और नहीं हो सकता।”

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credit: IndiaToday (@IndiaToday)

कंगना की विवादास्पद टिप्पणियाँ

कंगना रनौत ने किसानों के विरोध पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर भारत का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसानों के विरोध के दौरान “बांग्लादेश जैसी स्थिति” उत्पन्न हो सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि आंदोलन के दौरान “लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे” और इसमें विदेशी ताकतें जैसे चीन और अमेरिका भी शामिल थीं। इन बयानों ने काफी हलचल मचाई थी।

भाजपा की सार्वजनिक आलोचना

भाजपा ने कंगना रनौत की टिप्पणियों की निंदा की और स्पष्ट किया कि यह पार्टी की राय नहीं है। भाजपा ने कहा:

“किसानों के आंदोलन के संदर्भ में भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान पार्टी की राय नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान से अपनी असहमति व्यक्त करती है।”

भाजपा ने कंगना रनौत को भविष्य में इस तरह के बयानों से बचने की सलाह दी है और पार्टी की नीतियों से जुड़ने के लिए निर्देशित किया है।

भविष्य के लिए कंगना का इरादा

कंगना रनौत ने अपनी टिप्पणियों के लिए ज़्यादा सावधान रहने का इरादा जताया है और पार्टी की नीतियों के साथ अधिक निकटता से जुड़ने की बात की है:

“मैं अपने शब्दों के साथ ज़्यादा सावधान रहने और पार्टी की नीतियों के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक हूँ। क्योंकि भाजपा के लिए, हम रहें या न रहें, भारत रहना चाहिए।”

निष्कर्ष

भाजपा की फटकार और कंगना रनौत की प्रतिक्रिया के बाद, यह स्पष्ट है कि कंगना ने अपनी टिप्पणियों पर खेद प्रकट किया है और भविष्य में पार्टी की नीतियों के अनुसार चलने की इच्छा जताई है। यह घटनाक्रम भाजपा की आगामी विधानसभा चुनावों में प्रभाव डाल सकता है, खासकर हरियाणा जैसे राज्यों में जहां किसान आंदोलन का प्रभाव अधिक है।

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