दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत अवधि बढ़ाई, फिलहाल गिरफ्तारी से राहत
29 अगस्त 2024
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से राहत की अवधि बढ़ा दी है। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को यह निर्णय लिया कि पूजा खेडकर को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में फर्जी पहचान के माध्यम से अधिक प्रयास करने के मामले में गिरफ्तारी से राहत देने वाले अंतरिम आदेश को 5 सितंबर तक आगे बढ़ा दिया है।
पिछले महीने यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई की थी, जिनमें से एक उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल था। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
Pooja khedkar deserves a Noble Prize in the category of scams and fraud. pic.twitter.com/s0zty7eLiY
— Sakshi (@333maheshwariii) August 2, 2024
credit;Sakshi (@333maheshwariii)
31 जुलाई को, यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया। पूजा खेडकर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में कहा कि उनके चयन और नियुक्ति के बाद, यूपीएससी के पास उन्हें अयोग्य ठहराने का अधिकार नहीं है; इसके लिए केवल केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) सक्षम है।
#PujaKhedkar and her expensive lawyers know that offense is the best defence , and that she needs to look for loopholes to go scot-free on a technicality ! She will make a great #IAS officer 😂https://t.co/mT6Gfurfv6
— Dr Aniruddha Malpani, MD (@malpani) August 29, 2024
CREDIT: Dr Aniruddha Malpani, MD (@malpani)
पूजा खेडकर ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने 2012 से 2022 तक न तो अपना नाम बदला है और न ही यूपीएससी को गलत जानकारी दी है। उनका दावा है कि सभी दस्तावेज सही और सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी किए गए थे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 21 अगस्त को पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण 29 अगस्त तक बढ़ा दिया, जबकि दिल्ली पुलिस और यूपीएससी ने इसका विरोध किया था। पूजा खेडकर का कहना है कि उन्हें गिरफ्तारी से पहले जमानत मिलनी चाहिए और हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आयोग के पास पहले से ही 11 दस्तावेज हैं।
ARYA@newztab