29 अगस्त, 2024
कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या: संदीप घोष को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने क्यों निलंबित किया?
कोलकाता में एक गंभीर बलात्कार और हत्या के मामले में डॉ. संदीप घोष को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने निलंबित कर दिया है। इस मामले में आईएमए द्वारा उठाए गए कदमों को समझने के लिए हम विस्तार से देखेंगे कि संदीप घोष की सदस्यता क्यों निलंबित की गई और इस मामले में क्या नया है।
संदीप घोष का निलंबन
डॉ. संदीप घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल हैं। उनके खिलाफ एक बहुत ही गंभीर आरोप है। पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि डॉ. घोष ने उन्हें बताया था कि उनकी बेटी की मौत आत्महत्या से हुई है। लेकिन मामला कुछ और ही है— बलात्कार और हत्या का।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इस शिकायत के बाद डॉ. घोष को निलंबित कर दिया। IMA के अध्यक्ष, डॉ. आरवी अशोकन ने बताया कि उनकी अनुशासनात्मक समिति ने पीड़िता के परिवार की शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया और फिर यह निर्णय लिया।
Indian Medical Association suspends the membership of Dr Sandip Ghosh from immediate Effect pic.twitter.com/61n33qDc54
— Dr.Dhruv Chauhan (@DrDhruvchauhan) August 28, 2024
credit: Dr.Dhruv Chauhan (@DrDhruvchauhan)
आईएमए का निर्णय
डॉ. अशोकन ने कहा कि आईएमए की अनुशासन समिति ने शिकायतों को गंभीरता से लिया। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि डॉ. घोष ने उन्हें गलत सूचना दी और उनकी बेटी की मौत की सच्चाई को छुपाने की कोशिश की। इसके अलावा, कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने इस बात की निंदा की कि डॉ. घोष ने पूरी चिकित्सा पेशे को बदनाम किया है।
आईएमए की अनुशासनात्मक समिति ने इन आरोपों के आधार पर डॉ. घोष की सदस्यता निलंबित कर दी है।
#kolkatashowdown | The Indian Medical Association (IMA) has suspended the membership of Dr. Sandip Ghosh, former Principal of RG Kar Medical College and Hospital, due to ongoing investigations into financial irregularities and mishandling of a rape and murder case. The… pic.twitter.com/hz9ZfGTuEq
— NewsX World (@NewsX) August 29, 2024
credit:NewsX World (@NewsX)
सीबीआई की जांच
सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉ. संदीप घोष का दो बार पॉलीग्राफ टेस्ट कराया है। पॉलीग्राफ टेस्ट एक प्रकार का lie detector टेस्ट होता है, जो यह जांचने में मदद करता है कि कोई व्यक्ति झूठ बोल रहा है या नहीं। इसके अलावा, सीबीआई ने डॉ. घोष को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है।
सीबीआई ने अब तक 130 घंटे से अधिक समय तक जांच की है। इसमें डॉ. घोष के अस्पताल में उनके कार्यकाल के दौरान कई बिंदुओं पर ध्यान दिया गया है।
मामले की प्रगति
कोलकाता पुलिस ने बलात्कार और हत्या के आरोप में संजय रॉय नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। महिला अपनी 36 घंटे की शिफ्ट के बाद आराम करने के लिए अस्पताल में गई थी, जहां यह घटना हुई।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। इसका मतलब है कि अस्पताल के वित्तीय मामलों में भी गड़बड़ी की जांच हो रही है।
निष्कर्ष
डॉ. संदीप घोष का निलंबन IMA द्वारा उनके पेशेवर मानकों और पीड़िता के परिवार को गलत सूचना देने के आरोपों के कारण लिया गया है। यह कदम इस बात को दर्शाता है कि चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ गंभीर आरोपों को लेकर कितनी सतर्कता बरती जाती है।
सीबीआई की जांच और अन्य एजेंसियों की कार्रवाई इस बात की पुष्टि करती है कि इस मामले की गंभीरता को लेकर कोई भी ढील नहीं दी जाएगी और आरोपी के खिलाफ पूरी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
arya@newztab